Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi

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हनुमान चालीसा किसने लिखी?
हनुमान चालीसा का अर्थ क्या है?
हनुमान चालीसा का क्या महत्व है?
हनुमान चालीसा कब लिखी गई थी?
हनुमान चालीसा की मूलभाषा क्या है?
हनुमान चालीसा इतनी लोकप्रिय क्यों है?
हनुमान चालीसा को कौन-कौन गाया है?
मुझे हनुमान चालीसा कहाँ मिल सकती है?
हनुमान चालीसा पढ़ने का सही समय क्या है?
हनुमान चालीसा का जाप करने के क्या लाभ हैं?
हनुमान चालीसा का पाठ करने का क्या नियम है?
मुझे एक दिन में कितनी बार हनुमान चालीसा का जाप करना चाहिए?

Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi
Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi

हनुमान चालीसा: हनुमान चालीसा एक लोकप्रिय हिंदू भक्ति भजन है जो वानर देवता हनुमान को समर्पित है। यह 16वीं सदी के संत कवि तुलसीदास द्वारा अवधी, हिंदी बोली में लिखी गई 40 छंदों की कविता है। माना जाता है कि चालीसा तुलसीदास के वनवास के दौरान लिखी गई थी। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने चालीसा तब लिखी जब हनुमान ने उन्हें सपने में दर्शन दिए और उनसे उनकी शक्ति और राम के प्रति भक्ति की प्रशंसा करते हुए एक भजन लिखने के लिए कहा।

हनुमान चालीसा दुनिया भर के हिंदुओं के बीच एक लोकप्रिय गीत है। इसे अक्सर हिंदू त्योहारों, जैसे दिवाली और नवरात्रि के दौरान गाया जाता है। यह व्यक्तिगत कठिनाई के समय में गाया जाने वाला एक लोकप्रिय गीत है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह हनुमान के दैवीय हस्तक्षेप का आह्वान करता है।

Contents

हनुमान चालीसा से सम्बन्धित जानकारी

गीत का शीर्षकहनुमान चालीसा
गायक का नामविभिन्न कलाकार
गीतकारतुलसीदास
एल्बम/मूवी का नामविभिन्न भक्ति एल्बम
संगीतकारपरंपरागत
संगीत निर्देशकविभिन्न कलाकार
गीत लेबलविभिन्न
गीत की शैलीभक्ति
विशेषता/कास्टविभिन्न गायक
रिलीज़ की तारीखप्राचीन (16वीं शताब्दी)
निर्माताविभिन्न
पुरस्कारकोई नहीं

Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi

हनुमान चालीसा दोहा इन हिन्दी (आरम्भ)

श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

हनुमान चालीसा चौपाई इन हिन्दी

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ।१।

रामदूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ।२।

महाबीर बिक्रम बजरंगी ।
कुमति निवार सुमति के संगी ।३।

कंचन बरन बिराज सुबेसा ।
कानन कुंडल कुंचित केसा ।४।

हाथ बज्र और ध्वजा बिराजै ।
कांधे मूंज जनेऊ साजै ।५।

संकर सुवन केसरी नंदन ।
तेज प्रताप महा जग बन्दन ।६।

विद्यावान गुनी अति चातुर ।
राम काज करिबे को आतुर ।७।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।
राम लखन सीता मन बसिया ।८।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
बिकट रूप धरि लंक जरावा ।९।

भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
रामचन्द्र के काज सँवारे ।१०।

लाय संजीवन लखन जियाये ।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ।११।

रघुपति किन्ही बहुत बड़ाई ।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ।१२।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं ।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ।१३।

सनकादिक ब्रम्हादि मुनीसा ।
नारद सारद सहित अहीसा ।१४।

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ।१५।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा ।
राम मिलाय राज पद दीन्हा ।१६।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना ।
लंकेस्वर भए सब जग जाना ।१७।

जुग सहस्त्र जोजन पर भानु ।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ।१८।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ।१९।

दुर्गम काज जगत के जेते ।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ।२०।

राम दुआरे तुम रखवारे ।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ।२१।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना ।
तुम रच्छक काहू को डर ना ।२२।

आपन तेज सम्हारो आपै ।
तीनों लोक हाँक तें काँपै ।२३।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै ।
महाबीर जब नाम सुनावै ।२४।

नासै रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरन्तर हनुमत बीरा ।२५।

संकट तें हनुमान छुडावे ।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ।२६।

सब पर राम तपस्वी राजा ।
तिन के काज सकल तुम साजा ।२७।

और मनोरथ जो कोई लावै ।
सोई अमित जीवन फल पावै ।२८।

चारो जुग परताप तुम्हारा ।
है परसिद्ध जगत उजियारा ।२९।

साधु सन्त के तुम रखवारे ।
असुर निकन्दन राम दुलारे ।३०।

अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता ।
अस बर दीन जानकी माता ।३१।

राम रसायन तुम्हरे पासा ।
सदा रहो रघुपति के दासा ।३२।

तुम्हरे भजन राम को पावै ।
जनम जनम के दुख बिसरावै ।३३।

अन्त काल रघुबर पुर जाई ।
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ।३४।

और देवता चित्त न धरई ।
हनुमत सेही सर्ब सुख करई ।३५।

संकट कटै मिटै सब पीरा ।
जो सुमिरे हनुमत बलबीरा ।३६।

जय जय जय हनुमान गोसाईं ।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ।३७।

जो सत बार पाठ कर कोई ।
छूटहि बन्दि महा सुख होई ।३८।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।
होय सिद्धि साखी गौरीसा ।३९।

तुलसीदास सदा हरि चेरा ।
कीजै नाथ हृदय मह डेरा ।४०।

हनुमान चालीसा दोहा इन हिन्दी (अंत)

पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ॥

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प्रश्न: हनुमान चालीसा कब लिखी गई थी?

उत्तर: हनुमान चालीसा की रचना की सही तारीख ज्ञात नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि इसे 16वीं शताब्दी में लिखा गया था।

प्रश्न: हनुमान चालीसा की मूलभाषा क्या है?

उत्तर: हनुमान चालीसा मूल रूप से अवधी में लिखी गई है, जो हिंदी की एक बोली है जो उत्तरी भारत में बोली जाती है। हालाँकि, इसका अनुवाद कई भाषाओं में किया गया है और इसे दुनिया भर में विभिन्न रूपों में व्यापक रूप से पढ़ा जाता है।

प्रश्न: हनुमान चालीसा का क्या महत्व है?

उत्तर: हनुमान चालीसा एक अत्यधिक श्रद्धेय भक्ति गीत है जिसे अत्यधिक आध्यात्मिक शक्ति माना जाता है। भक्ति और ईमानदारी के साथ चालीसा का जाप करने से हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे शक्ति, साहस, बुद्धि और बुराई से सुरक्षा मिलती है।

प्रश्न: हनुमान चालीसा पढ़ने का सही समय क्या है?

उत्तर: हनुमान चालीसा का जाप व्यक्तिगत या समूह में किया जा सकता है। इसे अक्सर सुबह और शाम की प्रार्थना के दौरान, साथ ही कठिनाई के समय या हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है।

प्रश्न: हनुमान चालीसा का जाप करने के क्या लाभ हैं?

उत्तर: भक्तों का मानना है कि हनुमान चालीसा का सच्ची भक्ति के साथ जाप करने से कई लाभ हो सकते हैं, जैसे-
(१) ताकत, साहस और इच्छाशक्ति में बढ़ोतरी
(२) बुद्धि का तीव्र होना
(३) मन की शांति
(४) नुकसान और बाधाओं से सुरक्षा
(५) चुनौतियों से लड़ने की शक्ति मिलना
(६) सफलता प्राप्त करना
(७) आध्यात्मिक ज्ञान और मुक्ति

प्रश्न: हनुमान चालीसा का अर्थ क्या है?

उत्तर: हनुमान चालीसा एक भक्ति भजन है जो हनुमान के कई गुणों की प्रशंसा करता है और उनकी सुरक्षा और आशीर्वाद मांगता है।

प्रश्न: हनुमान चालीसा किसने लिखी?

उत्तर: हनुमान चालीसा का लिखने का श्रेय 16वीं सदी के हिंदू कवि-संत तुलसीदास को दिया जाता है।

प्रश्न: हनुमान चालीसा इतनी लोकप्रिय क्यों है?

उत्तर: हनुमान चालीसा हनुमान के कई गुणों के लिए एक शक्तिशाली और भावपूर्ण श्रद्धांजलि है और इसे आध्यात्मिक सुरक्षा और प्रेरणा का स्रोत माना जाता है। इसे पढ़ने से बहुत सारे लाभ मिलते हैं, इसीलिए हनुमान चालीसा इतनी लोकप्रिय है,

प्रश्न: मुझे एक दिन में कितनी बार हनुमान चालीसा का जाप करना चाहिए?

उत्तर: इस प्रश्न का कोई सही या गलत उत्तर नहीं है। कुछ लोग दिन में एक बार हनुमान चालीसा का जाप करते हैं, तो कुछ लोग दिन में कई बार इसका जाप करते हैं। यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप कितनी बार करना चाहते हैं।

प्रश्न: हनुमान चालीसा को कौन-कौन गाया है?

उत्तर: हनुमान चालीसा को बहुत से लोगों ने गाया है, लेकिन सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हरि ओम शरण का गायन है।

प्रश्न: मुझे हनुमान चालीसा कहाँ मिल सकती है?

उत्तर: हनुमान चालीसा कई हिंदू मंदिरों और किताबों की दुकानों में पाई जा सकती है। यह विभिन्न प्रारूपों में ऑनलाइन भी उपलब्ध है।

प्रश्न: हनुमान चालीसा का पाठ करने का क्या नियम है?

उत्तर: हनुमान चालीसा का पाठ करने का कोई विशेष नियम नहीं है। आप इसे अपनी श्रद्धा और विश्वास के अनुसार कर सकते हैं। हालाँकि, यह सबसे अच्छा है कि आप इसे हर दिन कम से कम एक बार सुबह या शाम को पढ़ें।

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